16 दिंसबर 1971 पर पाकिस्तान पर हांसिल विजय को हम हर वर्ष “विजय दिवस” के रूप में मनाते हैं, विडम्बना यह है कि जहाँ एक और बांग्लादेश की आज़ादी के लिये हज़ारो भारतीय जवानो ने बलिदान दिया, इसके बाद भी आज बांग्लादेश में भारत के प्रति दुर्भावना और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की जो घटनाये सामने आ रही है, इसमें डीप स्टेट की जो प्रमुख भूमिका बताई जा रही है वह बेहद परेशान करने वाली है , अमरीकी डीप स्टेट का ISI से गठजोड़ कर भारत कि अर्थव्यवस्था और वैज्ञानिक विकास को पटरी से उतरने के प्रयास वर्षो से जारी है पर इसे उजागर और इसका सामना करने की दिशा में हमारे देश के राजनैतिक नेतृत्व की लापरवाही बेहद चिंताजनक है |

वर्ष 1966 में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी और डॉ होमी जहांगीर भाभा की हत्या करवाने से लेकर वर्तमान में इसरो, अन्य राष्ट्रीय संस्थाओ प्रमुख वैज्ञानिको, शिक्षाविदों , डॉक्टरों, आचार्यो, समाज सुधारक आदि को चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है, दिसंबर 1971 में मात्र 52 वर्ष की उम्र में पूर्ण रूप स्वस्थ डॉ विक्रम साराभाई जिन्हे कि भारतीय स्पेस प्रोग्राम के जनक के रूप में जाना जाता है की रहस्यमयी मौत हो जाती है, आश्चर्य की बात यह रही कि इस घटना की कोई ठीक से जाँच भी नहीं कराई गयी, डीप स्टेट की फंडिंग से हमारे ही अंदर के देशद्रोही, भ्रष्ट लोगो की मिलीभगत से इस घटना को अंजाम दिए जाने की आशंका रही है, इसी प्रकार वर्ष 2019 और 2021 में राडार क्षेत्र में काम करने वाले इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक को सांप से कटवा कर और साइनाइड जहर देकर मारने कि कोशिश की गयी, इन घटनाओ में डीप स्टेट और ISI की फंडिंग की जाँच होकर कार्यवाही होना अत्यावश्यक है |
आज सरकार चलाने वाली पार्टी खुलकर डीप स्टेट के खिलाफ बोल रही है , भारत कि अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने और सरकार को गिराने का आरोप लगा रही है , पर यह कोशिशे आज कि नहीं लगती , हमारे वैज्ञानिक समुदाय पर दशकों से हमले हो रहे है, आज लोकल कनेक्शन और भ्रष्ट तंत्र की मदद से हमारे देशभक्त कर्मठ , जुझारू शिक्षाविदों , अर्थशास्त्रियों, अधिकारीयों आदि पर हमले हो रहे है, पैसे के लालचियों की पहचान कर डीप स्टेट उनकी भर्ती करवाता है, और चंद डॉलर की फंडिंग में बिकने वाले गद्दार, जब देश के अंदर से ही हमारे वैज्ञानिक और शिक्षाविद समुदाय पर हमले करते है , तब क्या हमारी सरकार वैज्ञानिको की सुरक्षा निश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेंगी ??
रिपोर्टर : प्रवीण चित्तोड़ा, VigyanSutra