गाड़ी अटैच करने के लिए बिजली विभाग के EE ने 70 हज़ार रिश्वत मांगी , 25000 लेते ही रंगे हाथ पकड़ा गया , क्या देशद्रोह का कानून लगाने से ही रुकेगी रिश्वतखोरी ?

26 मार्च 2025, बुधवार को देवास जिले के सोनकच्छ में पदस्थ कार्यपालन यंत्री (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर) आनंद अहिरवार को उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा, आरोपी ने बिजली विभाग में अपनी बोलेरो गाड़ी अटैच करने के शिकायतकर्ता पुष्पराज से 70 हज़ार की रिश्वत मांगी थी। इस रिश्वत की प्रथम किश्त के रूप में आरोपी ने चलती गाड़ी में 25,000 रूपए ले लिए, पर लोकायुक्त पुलिस ने भी सावधानी से नज़र रखते हुए टोल नाके पर गाड़ी रुकवा कर रिश्वत की राशि समेत इस भ्रष्ट EE को गिरफ्तार कर लिया

प्रदेश में मोहन यादव सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार पर लगातार पैनी लगातार नज़र रखी जा रही है लगभग हर रोज, लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही कर आरोपियों को दबोचा जा रहा है, पर भ्रष्टाचार का वायरस गहरे तक पैठ बना चूका है , इसीलिए समय समय पर इन भ्रष्ट अधिकारीयों पर देश के गद्दारो पर लगने वाले देशद्रोह/NSA को लगाने की मांग की जा रही है।

IPC की धारा 124A में देशद्रोह की दी हुई परिभाषा में देश विरोधी सामग्री का लिखना, बोलना, देश विरोधी सामग्री का समर्थन करना, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करना या संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश राष्ट्रद्रोह के अंतर्गत आती है , जिसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है

इसी हिसाब से पकडे गये इन भ्रष्ट अधिकारीयों जिन्होंने संविधान और देश की शपथ ली है क्यों न संविधान के अपमान के दोष के अंतर्गत बुक किया जाये , कानून के जानकर अब मानने लगे है की जिस तेज़ी से भ्रष्टाचार का रोग फ़ैल रहा है इसे राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में रखना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

कम से कम विज्ञान, डिफेन्स, शिक्षा और देश की सुरक्षा से जुड़े अन्य सभी विभागों में तो यह नियम लागु होना ही चाहिए तांकि कोई भी भ्रष्ट अधिकारी इन विभागों को बदनाम कर देश की सुरक्षा के लिए खतरा न पैदा कर सके।

M. महाजन – विज्ञान सूत्र के लिए